तीसरे विश्व सरकार दिवस पर लिया गया एहम फ़ैसला


तीसरे विश्व सरकार दिवस पर लिया गया एहम फ़ैसला
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कहा, आख़िर क्यों बुलाया जाता है हमें तीसरी दुनिया?
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तीसरे विश्व युद्ध के ख़तरे को समाप्त करने में भारत को अदा करनी होगी मुख्य भूमिका: जावैद अब्दुल्लाह
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प्लेनेटरी पीस और प्लेनेटरी पॉलिटिकल सिस्टम आन्दोलन की संस्थापक संस्था, वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी (डब्ल्यूएनडी) द्वारा स्थापित (28 अक्टूबर) को तीसरे विश्व सरकार दिवस पर विचार मंथन के बाद अहम फ़ैसला लिया गया। डब्ल्यूएनडी के अध्यक्ष, दार्शनिक और विश्व सरकार निर्माण कार्यकर्त्ता जावैद अब्दुल्लाह ने संस्था के निर्णय को जारी करते हुये कहा कि अब डब्ल्यूएनडी ‘वर्ल्ड कॉन्सटिट्युशन एण्ड पार्लियामेंट एसोसिएशन’ के साथ सम्पर्क करेगी और तीसरे विश्व युद्ध के ख़तरे को समाप्त करने के लिये क्रान्तिकारी स्तर पर ग्रहीय चेतना को विकसित और पल्लवित करने के लिए क़दम बढ़ाएगी। डब्ल्यूएनडी इसके लिये पहले दिन से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लोगों को बिल्कुल भी हताश होने की ज़रुरत नहीं है। लेकिन हाँ, जब उनसे वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये समर्थन माँगा जाये तो उस समय उन्हें पूरे मन से समर्थन करना चाहिये और ग्रहीय सुरक्षा की मज़बूत आवाज़ बननी चाहिये। ज़रूरी नहीं के इसके लिये हर देश के लोग एक स्थान पर आकर मिले। जो व्यक्ति जिस देश में है वो उसी देश से वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये अपने मुल्क का प्रतिनिधि बनकर अग्रिणी भूमिका निभा सकता है। जहाँ तक भारत की बात है, तो यहाँ का इतिहास ही एक तरह से ज्ञान यात्रा का इतिहास है। इस ज्ञान यात्रा के चार फ़ेज़ हैं। प्रथम-ब्रह्मज्ञान, द्वितीय- ऋषि परम्परा, तृतीय- संस्कृति सभ्यता एवं चतुर्थ- युग-युगान्तर। विश्व कल्याण का विचार वास्तव में विश्व सरकार का ही विचार है जो भारत की ऋषि परम्परा से निकला अतः यह कोई कोरी कल्पना नहीं बल्कि पूरी दुनिया को अपना समझने और उसके-अच्छे-बुरे हालात को स्वयं से जोड़कर देखने की एक सार्वभौमिक दृष्टि है। यह दृष्टि एक प्रकृति सदस्य और विश्व अभिभावक दोनों ही भूमिका को निभाने के लिये मार्ग प्रशस्त करता है। महोपनिषद का ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ महावाक्य उसी सत्य का साक्षी है। इस सत्य को स्वीकार कर निकट भविष्य में तीसरे विश्व युद्ध के मंडराते ख़तरे को पूर्णतः समाप्त करने के लिए भारत की सरकार और आवाम दोनों को अदा करनी होगी अहम भूमिका। हमें इसकी चिन्ता में नहीं मरना चाहिए कि भारत संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य है नहीं है तो फिर क्यों यह सब सोचे? भारत की आबादी दुनिया 17.7 प्रतिशत आबादी है। उसे समझना चाहिए कि आख़िर क्यों बुलाया जाता है तीसरी दुनिया? डब्ल्यूएनडी सम्पूर्ण प्रकृति और मानवता के साथ-साथ वो अपने भारत की सभ्यता का भी प्रतिनिधित्व करती है। जो वनस्पति और अंतरिक्ष तक के शान्ति की बात करता है। अब ज़रुरत है विश्व मंच पर भारत को मंच सँभालने की। भारत को चपरासी बनने की मानसिकता और उतारन पहनने की आदत ख़त्म करनी होगी। पूरी दुनिया की सरकारों एक करने का काम और इस ग्रह को घातक हथियारों से पाक करने का काम बिना किसी का रास्ता देखे बिना आगे आकर करनी चाहिये। गौरतलब है कि इसके लिए डब्ल्यूएनडी विश्व सरकार दिवस की स्थापना पर ही दुनिया के पचास देशों सहित सभी देशों की सरकारों को नागरिक घोषित कर चुकी है और इसकी सार्वजानिक घोषणा भी कर चुकी है। 2022 भारत की पचहत्तरवीं स्वाधीनता का वर्ष है किन्तु उससे पहले अब दुनिया की स्वाधीनता के बारे में सोचना होगा। इस योजना पर अभी डब्ल्यूएनडी एक वर्ष और समय लेगी उसके बाद वो मोर्चा संभालेगी।