संकल्प और संयम से करें कोरोना रूपी रावण का वध-डॉ. संध्या


बुराई पर अच्छाई की जीत के महापर्व विजयदशमी पर लें कोरोना से मुक्ति का संकल्प


वाराणसी। 
छोटी उम्र में बड़े हौसलों के साथ अपने दायित्वों को निभा रही  बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान की प्रसूति और स्त्री रोग विभाग की सीनियर रेजिडेंट डॉ. संध्या का मानना है कि अंधकार चाहे जितना भी व्यापक हो, उसे मिटाने के लिए दिये की एक लौ ही काफी हैं। कोरोना महामारी आज भले ही पूरे विश्व में कोहराम मचाये है, लेकिन इस महामारी पर हम सभी विजय जरूर पायेंगे।


उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में हमारी जीत तभी सुनिश्चित होगी, जब हम पूरे प्रतिबद्धता के साथ कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करेंगे। जिस प्रकार त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम ने पूरे संयम और संकल्प के साथ विजयादशमी के दिन रावण का वध कर पूरी सृष्टि को उसके कुकर्मो से मुक्ति दिलाई थी। उसी प्रकार आज 21वीं सदी में हम सबका सम्यक प्रयास कोरोना रूपी रावण का वध करेगा।


 डा संध्या कुछ ऐसे ही समर्पण के साथ  इस कोरोना संकटकाल में ना सिर्फ मरीजों की सेवा में जुटी हुई, बल्कि समय-समय पर अपने ज्ञानवर्धक लेखों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का भी कार्य करती रहती है।  


 डा संध्या ने जे पी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, फरीदपुर, सारनाथ के सहयोग एवं अपने सहयोगी डा. सुनील जी  के साथ मिलकर वाराणसी के ग्रामीण इलाकों में कई  निशुल्क चिकित्सा शिविर में भाग लिया है। जिसमे हजारों ग्रामीण महिलाओं को निशुल्क चिकित्सकीय परामर्श, जांच व  दवाईयां वितरित की। अनवरत सेवा कार्य में जुटी डा. संध्या कहती है कि  हम अपने मरीजों की रक्षा संकल्प लेकर कार्य कर रहे हैं। 
दशहरे के पावन पर्व पर डॉ संध्या अपील करते हुए कहती है कि कोरोना एक वैश्विक संकट के रूप में वह जंग में हम चिकित्सकों का सहयोग करें। 
नियमित रूप से मॉस्क और सेनेटाइजर का प्रयोग और दो गज की दूरी के साथ साफ-सफाई एक ऐसा हथियार जो कोरोनासुर जैसे राक्षस से हम सबको सुरक्षित रखेगा। बुराई पर अच्छाई वयकी सेजीत के पर्व विजयादशमी पर हम सभी को संकल्पित होकर इस महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई की धार को तेज करना होगा और भारत भूमि को कोरोना के प्रकोप से मुक्ति दिलानी होगी।