खाद्य दिवस 16 अक्टूबर 2020 को मनाएंगे भव्य रूप में और जगायेंगे समाज को ।


भोजन उतना ही ले थाली में
  जो व्यर्थ ना जाए नाली में
काशी ,शादी विवाह या अन्य किसी भी कार्यक्रमों में या विशेष आयोजनों पर और परिवार में भी भोजन का दुरुपयोग भोजन की बर्बादी का चलन बढ़ता जा रहा है जितना भोजन की आवश्यकता होती है इससे कहीं ज्यादा भोजन बर्बाद हो जाता है इसी विषय को लेकर के विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर समाज का ध्यान उस क्षेत्रों में उस स्थानों पर ऐसे निर्धन गरीब असहाय लोगों की तरफ आकृष्ट करने का प्रयास किया जाएगा जहां लोग एक एक अन्न के लिए एक एक रोटी के लिए अपना पेट भरने के लिए तरस जाते हैं देश में आज भी बहुत सारे ऐसे जिले गांव क्षेत्र हैं जहां लोगों को एक समय का भोजन भी मुश्किल से मिलता है ।
परिवार में भी अधिकांशत:  भोजन की बर्बादी होती है आवश्यकता से भी ज्यादा भोजन बनाना और फिर भोजन को अन्यत्र फेंक देना यह चलन जैसा हो गया है इस पर संपूर्ण ऐसे समाज को गहन विचार करने की आवश्यकता है । गांव गांव में इस नारे के साथ इस ईश्वरीय कार्य को गति देने की आवश्यकता है जिसका हम सब मिलकर प्रयास करेंगे और समाज को संकल्पित करेंगे कि आज के बाद हम कभी भी भोजन को बर्बाद नहीं करेंगे भोजन को उतना ही लेंगे जितना खा सकते हैं तथा भोजन की बर्बादी रोकने के लिए एक दूसरे को प्रेरित करते रहेंगे ।
संजीव कुमार